चार दिन चलने वाली छठ पूजा नहाय खहाय के साथ आज से शुरू हो रही है । कार्तिक मास में सूर्य की विशेष उपासना का पर्व छठ पूजा की शुरुआत आज से हो रही है । नहाय खाय का अपना विशेष महत्व है । सुबह महिलाएं नहाने के बाद चना, लौकी, कद्दू की सब्जी और चावल का भोजन ग्रहण करेंगी । छठ पूजा पति और संतान की सुख समृद्धि के लिए होती है । जिन लोगों को संतान न हो रही हो या संतान अस्वस्थ हो तो उनकी के लिए यह व विशेष महत्व रखता है । दीपावली की तरह ही छठ पूजा पर घर की सफाई होती है ।
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आठ नवंबर -नहाय खहाय
नौ नवंबर-खरना
दस नवबंर-डूबते सूरज को अर्घ्य
11 नवंबर-उगते सूरज को अर्घ्य
नहाय खाय : इस व्रत की शुरूआत नहाय खाय के साथ होती है। इसमें पहले दिन लौकी,चना कद्दू की सब्जी और चावल का भोजन महिलाएं ग्रहण करती हैं।
खरना : इस दिन पूरे दिन महिलाएं उपवास रखकर शाम को गुड़ की खीर का सेवन करती हैं। गन्ने के रस से बनी खीर भी खाई जाती हैं।
डूबते सूरज को अर्घ्य : खरना में शाम को भोजन करने के बाद महिलाएं अगले दिन शाम को डूबते सूरज को अर्घ्य देती हैं। इसमें मौसमी फल को चढ़ाया जात है। छठ मईया के गीत भी गाए जाते हैं।
उगते सूरज को अर्घ्य : चौथे दिन उगते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन 36 घंटे बाद निर्जल व्रत का पारण महिलाएं करती हैं। इस दिन महिलाएं गुड़ की चाय के साथ व्रत का पारण करती हैं।
