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6 लाख के चप्पल से नक़ल का जुगाड़ , चप्पल में लगाया ब्लूटूथ डिवाइस फिर भी पकडे गए

राजस्थान में शिक्षकों के लिये राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) दो पारियों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रविवार को आयोजित की गई। राज्य सरकार की तमाम तैयारियों के बाद भी परीक्षा में नकल नहीं रोकी जा सकी। REET परीक्षा में नकल को लेकर बीकानेर पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए एक गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनसे 6 लाख रुपए की ब्लूटूथ चप्पल बरामद की गई है। सभी आरोपी चुरू व बीकानेर जिले के रहने वाले हैं। प्रदेश में करीब 25 जनों को इन्होंने नकल के लिए अपनी टेक्नोलॉजी बेची थी। परीक्षा में नकल रोकने के लिये कुछ जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित रखा गया था।

REET परीक्षा में नकल को लेकर एक गिरोह चप्पल में चिप व ब्लूटूथ, नकल का ऐसा हाईटेक जुगाड़ किया है जिससे आप भी चकरा जाएंगे। दरअसल, REET परीक्षा में बीकानेर में चप्पल के जरिए नकल करवाने की कोशिश करने वाले गिरोह को DST व गंगाशहर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं व्यास कॉलोनी पुलिस ने एक को पकड़ा है। चप्पल गिरोह चप्पल की मदद से रीट परीक्षा में नकल करवाने की जुगत लगा रहा था।

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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह इन्दोलिया ने बताया कि ब्लूटूथ चप्पल से नकल को लेकर 4 लोगों सहित 1 महिला को गिरफ्तार किया गया है। बीकानेर के जेगलिया राजलदेसर निवासी मदन लाल और गोपाल कृष्ण, शोभाणा भादला नोखा निवासी त्रिलोक चंद्र, रामपुरा राजलदेसर निवासी ओमप्रकाश व लोहा रतनगढ़ निवासी किरण देवी को गिरफ्तार किया है। इनमें से त्रिलोक पंचारिया पांचू स्थित सरकारी स्कूल में प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्त है। वहीं एक युवक व्यास कॉलोनी पुलिस ने डूंगरगढ़ के कल्याण सर निवासी सुरजा राम को पकड़ा, वहीं इस नकल गिरोह का सरगना तुलसीराम कालेर बीकानेर में चाणक्य कोचिंग सेन्टर संचालित करता है और उसकी पत्नी RPS है और अजमेर में पदस्थापित है।

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गौरतलब है कि, तुलसीराम कालेर भर्ती परीक्षाओं का मुख्य सरगना है। वह अबतक कई भर्ती परीक्षाओं में नकल करते व दूसरी अभ्यर्थी की जगह परीक्षा में बैठते हुए गिरफ्तार हो चुका है। सरगना तुलसीराम कालेर 1991 में पुलिस में भर्ती हुआ था, उसके बाद 1994 ने हवाला राशि जब्त को लेकर उसे बर्खास्त कर दिया था, फिर 2007 में RAS परीक्षा दी थी जिसमें 19वीं स्थान आया था मगर 2014 में अपने रिश्तेदार की जगह SI की परीक्षा देते पकड़ा गया था।

बतया जा रहा है कि रीट परीक्षा में सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार सिर्फ चप्पल पहनकर आए अभ्यर्थी को प्रवेश दिया गया। ऐसे में नकल करवाने के लिए इस गिरोह ने अनोखी चप्पल का आविष्कार किया। इस चप्पल में एक ब्लूटूथ डिवाइस लगा है, जो प्रवेश के दौरान परीक्षा केंद्र पर शिक्षकों की नजर से परीक्षा केन्द्र तक ले जाने में अभ्यर्थी कामयाब हो सकता है। परीक्षा कक्ष में जाने के बाद अभ्यर्थी इस छोटी सी ब्लूटूथ डिवाइस यानि बग को अपने कान में लगा लेता है। यह ब्लूटूथ डिवाइस सेंटर के बाहर बैठे एक व्यक्ति के मोबाइल से कनेक्टेड होता है, जो उसे नकल करवाने में मदद करता है। नकल करवाने के लिए बनाई गई इस अनोखी चप्पल की कीमत करीब 6 लाख रुपए थी ओर प्रदेश भर में लगभग 25 लोगों को चप्पल बेची गई थी। फिलहाल, पुलिस ने मामले में गिरफ्तारी की हैं और जाच में जुट गई है।

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